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सफेद झूठ (very funny & interesting hindi story) |
सफेद झूठ (very funny & interesting hindi story)
उन दोनों का सचमुच कोई जोड़ नहीं था। जाकिर हुसैन वह सच्चे और खरे आदमी थे। जो बात होती, संबोधक के मुंह पर दे मारते। झूठ से उन्हें सख्त नफरत थी। न तो वह झूठ बोलते थे और न ही झूठ सुनना पसंद करते थे।
पर यह भी खासी हैरानी थी बात थी, खुद उनकी बेगम समीना हुसैन को झूठ ना बोलने से एलर्जी थी। जहां भी जाती, झूठ के गट्ठर उनके दांतों में दबे होते। कहा जाता है, कि सच और समीना दो विभिन्न दिशाएं हैं।
शायद उसका कारण यह भी था, कि वह कभी किसी की तारीफ नहीं कर सकती थी। उसके कथानानुसार, किसी की सच्ची तारीफ करने का मतलब यह है कि दूसरे का पल्ला अपने से बुलंद किया जाए।
किसी दूसरे की बुलंदी पर वह हरगिज नहीं देख सकती थी यहां झूठी तारीफ से अगर किसी के नुकसान की संभावना होती तो उसकी सेनापति बन जाती।
समीना को सच बोलने से चिढ़ इस कारण से थी, कि वह अपने मियां जी के पद चिन्हों पर हरगिज नहीं चलना चाहती थी। मियां की बात सुनना या उसकी किसी बात पर अमल करने को वह अपनी तौहीन समझा करती थी।
प्रायः अनजाने में बोले हुए सच ने उन्हें खासा नुकसान पहुंचाया था। उनकी बेटी सबीहा की शादी केवल इस कारण विलंब से हुई थी कि लड़के वालों को उन्होंने सबीहा की सही उम्र बता दी थी।
हालांकि ऐसे मामलों में तो झूठ बड़ी-बड़ी सच्ची महिलाएं झूठ बोल जाती हैं। लड़के वालिया उनका सच सुनकर यू बिदकी कि लौटकर ही नहीं आयी, जबकि लड़की के पसंद आने के सभी पढ़ाव तय हो चुके थे।
आखिरकार किसी दूसरी जगह रिश्ता तय करते हुए जब उन्होंने 10 साल का घपला किया, तो फर्ज पूरा हुआ। समीना ना केवल झूठ बोलने में खासी प्रवीण थी, बल्कि वह अपने सभी झूठ बेहद सच्चाई के साथ बयान करती थी। मजाल है कि उसमें रत्ती भर सच की मिलावट हो।
जाकिर हुसैन की सच्चाई के चर्चे पूरे मित्र मंडली में थे। लेकिन एक शाम जब समीना बेगम ने उनसे संपर्क करते हुए पूछा कि आज आप सच सच बताइए कि आपके ऑफिस कि रिहाना परवीन आपकी क्या लगती है, तो रसीद जाकिर हुसैन कुछ क्षणों के लिए सिटपिटा से गए कि अपनी बात को आखिर कहां से शुरू करें रंग में भंग न पड़े।
"अफसर हैं वह और बस" उन्होंने अपने आप पर मुश्किल से काबू पाते हुए कहा। फिर वह 20 हजार का सोने का सेट क्या आपने मेरे लिए खरीदा है, जिसकी रसीद आप अपनी शेरवानी में पिछले 5 दिनों से लिए घूम रहे हैं"।
"अरे बेगम! कमाल करती हो तुम भी यह सोने का सेट तो रिहाना प्रवीण को उनकी शादी पर ऑफिस की तरफ से दिया जा रहा है। ऑफिस के सभी लोगों ने हजार-हजार रुपये मिलाए हैं परसों शादी हो रही है उनकी"।
"क्या सचमुच रेहाना की शादी हो रही है?" उन्होंने इत्मीनान से पूछा"। "हां बेगम उसकी शादी हो रही है उन्होंने धूक निगल कर बताया"।
"शुक्र खुदा का! जान छूटी! कमबख्त शादीशुदा मर्दों को भी मेली नजरों से देखा करती थी। नफरत थी,मुझे उससे अच्छा हुआ कि उसकी शादी हो रही है"।
तब जाकिर हुसैन अपनी मुस्कुराहट दबाए यह सोच रहे थे कि समीना बेगम यह सच तो मै तुम्हें कभी ना बताऊंगा कि आज रेहाना परवीन से शादी किए मुझे पूरा एक हफ्ता हो चुका है।
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